Thursday, December 24, 2009

by Isha Malhotra

एक औरत की जिंदगी मे दूसरी औरत की एहमियत
एक लड़की अपने जीवन मे बहुत ऊँची उड़ान उड़ना चाहती थी,शायद ऐसी कि वो आसमान को भी छू सके ! कुछ सालो तक उसने ऐसी जिंदगी भी जि ,पर उन कुछ सालो के बाद कुछ ऐसा हुआ कि कुदरत ने लड़की से उसके पंख ही छीन लिए ! उसके पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं था ,सिर्फ अकेलापन था ,और इसी अकेलेपन को दूर करने के लिए कभी किसी पर और कभी किसी पर विश्वाश करती पर इसके बदले मे उसको हमेशा धोखा ही मिलता ! अब भी उस लड़की के बारे मे सोचती हू तो कुछ सवाल मेरे दिमाग मे आते है :
क्या उसको खुद पर विश्वाश नहीं था?
लोग उसे विश्वाश रखने के काबिल नहीं समझते थे?
उसकी किस्मत मे ऐसा होना ही लिखा था ?
जब भी तीसरे सवाल पर थोडा ध्यान लगती हू और लोगो कि बातें सोचती हू कि एक इन्सान अपने किस्मत खुद बनता है .....तो आशचर्य होता है कि कभी किसी ने ये नहीं चाहा होगा कि उसके साथ कुछ गलत हो ! उस घटना के बाद वो सब के साथ बोलती ,हस्ती और बच्चो के साथ भी मिलती जुलती ,पर शायद वो दिल से, खुद से ,खुद के जीवन से खुश नहीं थी ! उसके जीवन का लक्ष्य सिर्फ एक ही चीज थी !
दुनिया के नजरिये मे तो पैसा है तो इन्सान खुश है !पर उस लड़की के जीवन भी पैसा बहुत है पर वो खुश नहीं है ! इस बात पर मुझे भी विश्वाश हुआ कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता ये सिर्फ एक चीज है या फीर कहे एक जरूरत है !
अब तो चीजो से जायदा इन्सान सस्ता है जो आराम से खरीदा जा सकता है ! पर शायद उस लड़की के लिए नहीं ! उसकी झोली में चाहे जिंदगी भर कि खुशियाडाल दो फिर भी वो ख़ुशी ,सुख ही मिलेगा जो उस घटना ने छीन लिया !
और उसने घटना में अपनी माँ खोयी थी और उसके जीने का लक्ष्य उसके पिता है जो एक शराबी है और उन्हें सुधारना ही उसका और उसकी माँ का सपना था ! अब आप सोचिए क्या वो खुशिया पैसो से खरीद सकती है ???

Isha Malhotra

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